- कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 2,86,579 है
- उन्होंने इसका परिक्षण भी किया जो कि 80 फीसदी सफल साबित हुआ है
- कि इस दवा के निर्माण के लिए पतंजलि के सैकड़ों वैज्ञानिक दिन-रात एक कर काम करते रहे
- आचार्य बालकृष्ण का दावा है कि पंतजलि ने कोरोना की दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है
कोरोना महमारी से पूरी दुनिया त्राहि त्राहि कर रही है कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और अभी तक इसकी रोकथाम के लिए अभी तक कोई भी दबाई नहीं बनी है अभी केवल साबधानी से ही कोरोना महामारी से बचा जा सकता है कोरोना वायरस की दबाई बनाने के लिए भारत समेत दुनिया के कई देशों के बैज्ञानिको द्वारा शोध चल रहे हैं।
दरअशल दुनियाभर के कई वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि इस महामारी की वैक्सीन एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी.
लेकिन इन सबके बीच पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण का दावा है कि पंतजलि ने कोरोना की दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है।
साथ ही उन्होंने कहाँ की इस दवा से 1 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो गए है । आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि अलग-अलग जगह पर कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यह दवा दी गई, जिसमें से 80 फीसदी लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैसे ही कोरोना महामारी ने चीन के साथ पूरे विश्व में दस्तक दी तो उन्होंने अपने संस्थान में हर विभाग को सिर्फ और सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा पर काम करने में लगा दिया, जिसका परिणाम अब सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस दवा का न केवल सफल परीक्षण किया गया, बल्कि इसे तैयार भी कर लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने इसका परिक्षण भी किया जो कि 80 फीसदी सफल साबित हुआ है।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि शास्त्रों, वेदों को पढ़कर और उसे विज्ञान के फॉर्मूले में डालकर आयुर्वेदिक चीजों से यह दवा बनाई गई। उन्होंने कहा कि इस दवा के निर्माण के लिए पतंजलि के सैकड़ों वैज्ञानिक दिन-रात एक कर काम करते रहे।
पतंजलि शोध संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक ने बताया कि जनवरी में जब चीन में कोरोना की शुरुआत हुई थी, तभी से इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि इसके शोध के लिए दिन-रात सैकड़ों वैज्ञानिकों ने मेहनत की, जिसके फलस्वरूप यह दवा तैयार की गई।
भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड 19 (coronavirus in india) के सबसे ज़्यादा 9,996 मामले सामने आए हैं जबकि 357 मौतें हुईं हैं. अब कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 2,86,579 है
वही दूसरी ओर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के वैज्ञानिकों के एक समूह ने एआईएसटी, जापान के सहयोग से पता लगाया है कि अश्वगंधा में कोविड-19 से लड़ने और इलाज करने की क्षमता है.
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