- ऐसे में आपका नंबर एक महीने बाद ही आएगा
- जहां कम मामले हैं थोड़े दिनों में उनका नंबर भी सामने आएगा
- दिल्ली कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से 10-12 दिन पीछे चल रही है
- इस समय की सबसे बड़ी जरूरत ये है कि टेस्ट की संख्या को बढ़ाया जाए
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जहा पुरे देश में कोरोना महामारी का असर देखने को मिल था है वही देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा हैं। जिसे लेकर सरकार की चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई है। वहीं कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का बड़ा बयान सामने आया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से जब दिल्ली में टेस्ट की संख्या बढ़ाने पर सवाल किया गया तो वह बोले कि, अगर आप चाहते हैं कि ज्यादा टेस्ट हों तो आप आईसीएमआर से उनकी गाइडलाइन बदलने को कहें। हम आईसीएमआर की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं कर सकते जो कोरोना के टेस्ट के लिए बनाई गई है।
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केंद्र सरकार और ICMR से कह दीजिए कि सभी लोगों के लिए टेस्ट ओपन कर दें ताकि जो टेस्ट करवाना चाहे वो करवा लें. लेकिन ओपन टेस्ट कराने से एक दिक्कत यह भी होगी कि बीमार लोग कम टेस्ट कराएंगे और सशंकित लोग ज्यादा आ जाएंगे. हो सकता है एक दिन में 1 लाख लोग टेस्ट कराने पहुंच जाएं, ऐसे में आपका नंबर एक महीने बाद ही आएगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में भी हैं और दिल्ली में भी हैं. जहां कम मामले हैं थोड़े दिनों में उनका नंबर भी सामने आएगा. दिल्ली कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से 10-12 दिन पीछे चल रही है. उन्होंने कहा कि आपको टेस्टिंग बढ़वानी है तो ICMR से कहिए कि अपनी गाइडलाइन बदल दे. ICMR की गाइडलाइन की हम अवहेलना नहीं कर सकते हैं, जो उन्होंने शर्तें लगा रखी हैं पूरे देश में उन्हीं के टेस्ट हो सकते हैं. आप ICMR से, केंद्र सरकार से कहिए कि उसको खोल दे जो भी चाहे जा कर टेस्ट करा ले.
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों और कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने को लेकर जब आप सांसद संजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस समय की सबसे बड़ी जरूरत ये है कि टेस्ट की संख्या को बढ़ाया जाए। उसके लिए आईसीएमआर की गाइडलाइन को बदलना होगा।
मैंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को भी इसके लिए पत्र लिखा है कि कोई भी जो संदिग्ध हो कि उसे कोरोना संक्रमण है तो उसे पैथोलॉजी लैब में टेस्ट कराने की अनुमति मिले।
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कोरोना की जांच की गति बढ़ने के लिए जरूरी है कि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) गाइडलाइन बदले। इसके बिना राज्य में टेस्टिंग का दायरा नहीं बढ़ाया जा सकता। आईसीएमआर के मुताबिक देश में महामारी स्टेज-2 में है।
यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की शुरुआत नहीं हुई है। ऐसे में बिना लक्षण वाले संदिग्धों को सिर्फ होम क्वारेंटाइन में ही रखा जा सकता है। इधर, राज्य ही नहीं पूरे देश में लगातार होम क्वारेंटाइन तोड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है, जो खतरनाक साबित हो सकती है।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,08,993 हो गई है. वहीं अब तक मरने वालों की संख्या 8,884 हो गई है. हालांकि अब तक 1,54,330 लोग ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं. जबकि 1,45,779 कोरोना मरीजों का इलाज अभी जारी है. बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 11,458 कोरोना के नए केस आए हैं. जबकि 386 लोगों की मौत हो चुकी है.
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